ABOUT SHIV CHALISA

About Shiv Chalisa

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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

Devotees who chant these verses with intense adore turn out to be prosperous from the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to own small children, have their wants fulfilled following partaking of Shiva-prasad with religion and devotion.

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

जो यह पाठ करे मन लाई । ता पार होत है शम्भु सहाई ॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । read more सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

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